आज वो मेरी याद में आँसू बहा रहे हैं हिंदी कविता, They are shedding tears in my memory Hindi Poem
जीते जी जिन्हें मैं फूटी आँख न सुहाया
आज वो मेरी याद में आँसू बहा रहे हैं
जिन्होंने कभी हाथ मिलाने लायक न समझा
आज मुझे वो हाथ पकड़ के नहला रहे हैं।
मचा रहे हैं कोहराम और क्रंदन बनकर रुदाली
जिन्होंने आज तक समझा मुझे आवारा मवाली
समझकर एक बदनुमा दाग मुझको यूँ भुलाया
अपने आँचल की छाँव के लिए बहुत तरसाया।
बड़ी दूर दूर से सारे रिश्तेदार आ रहे हैं
अपनी उपस्थिति की जैसे कोई हाजिरी लगवा रहे हैं
कोई कहता है कि बहुत ही भोला और सीधा सादा था
कोई कहता है कि वो तो घर का एक उजाला था।
लोग बढ़ते गए और मजमा लगता गया
हर तरफ एक ही चर्चा थी कि वो रुखसत हो गया
लोगो के चेहरों पे छाई हुई थी बनावटी उदासी
माहौल में छाई हुई थी एक अजीब सी बदहवासी।
वक्त गुजरनें लगा और असलियत उजागर होने लगी
बदहवासी और उदासी न जाने कहा खोने लगी
जो लोग उदास थे वो कोनो में जाकर इकठ्ठा होने लगे
मेरे बारे में भूलकर अपनी दुनियाँ में फिर खोने लगे।
सच है कि झूठ का लबादा ज्यादा टिकता नहीं
पर फिर भी झूठ के सामने सच कभी बिकता नहीं
जो दिखता है वही बिकता है यही दुनिया का दस्तूर है
झूठ को सच साबित करने में अधिकतर सत्य ही मजबूर है।
लो मौसम ने ली अंगड़ाई और लगी बारिश भी होने
जैसे आसमान में घटायें भी लगी हो मैयत में रोने
कोई बोला कि जीते जी कुछ न किया और आज भी भिगो गया
जाते जाते भी ये बारिश की परेशानी खड़ी कर गया।
जो सर्दी में देह त्यागता तो अच्छा होता
कम से कम कोई मौसमी विघन तो न पड़ता
कोई कहने लगा कि सर्दी में मरने के कई फायदे है
ठण्ड नहीं लगती और जलती चिता को अलाव समझकर हाथ तापते हैं।
जो बातें जीते जी समझ में न आई वो अब समझ में आ रही हैं
कौन अपना है और कौन पराया है, परिस्थितियाँ सब बतला रही हैं
खुश हूँ ये देखकर कि दिखावा ही सही, मेरे लिए रो तो रहे हैं
दुखी हूँ ये सोचकर कि हम अब चिर निद्रा में सो रहे हैं।
दुखी हूँ ये देखकर कि मेरी वजह से टूटे कई सपने
खुश हूँ ये सोचकर कि जैसे भी हो लेकिन है तो मेरे अपने
जो सम्मान मरने के बाद मिलता है अगर उसका कुछ अंश भी जीते जी मिले
जीवन सफल हो जाये और खुशियों के फूल हर तरफ खिले।
Aaj Vo Meri Yad Me Aansu Baha Rahe Hain Poem in English
Written By
Uma Vyas {MA (Education), MA (Public Administration), MA (Political Science), MA (History), BEd}
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