खाटू में रथ पर इस दिन यात्रा करेंगे बाबा श्याम, Baba Shyam chariot tour in Khatu on this day

Baba Shyam chariot tour in Khatu on this day

अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए एकादशी के दिन यानि गुरुवार को बाबा श्याम खाटू धाम में नगर भ्रमण पर निकलेंगे। बाबा अपनी हवेली से नीले घोड़े से सुसज्जित रथ पर सवार होकर शाही सवारी के रूप मे खाटू नगरी की यात्रा करेंगे।

खाटू में लक्खी मेले में ग्यारस के दिन निकलती है रथयात्रा, Rath Yatra takes place on Gyaras in Lakkhi fair in Khatu

ध्यान रहे कि बाबा श्याम केवल फाल्गुन के महीने में लक्खी मेले के समय शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही भक्तों को दर्शन देने के लिए रथयात्रा के रूप मे नगर भ्रमण पर निकलते हैं।

पूरे वर्ष मे सिर्फ एक यही दिन होता है जब आप बाबा श्याम के दर्शन मंदिर के बाहर भी कर सकते हो। इस दिन के अलावा बाकी सभी दिन श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन के लिए मंदिर मे जाना पड़ता है।

इस रथ यात्रा मे हजारों की संख्या मे भक्तजन नाचते गाते, गुलाल उड़ाते चलते हैं। इस दौरान भक्तों मे रथ को एक बार छूने की होड मची रहती है। ऐसा माना जाता है कि रथयात्रा के दौरान बाबा के रथ को छूने से बाबा का विशेष आशीर्वाद मिलता है और सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।

खाटू रथयात्रा का ये है मार्ग, This is the route of Khatu Rath Yatra

श्याम रथयात्रा मंदिर से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होती हुई पुन: मंदिर पहुँचेगी। मंदिर से निकलकर बाबा का रथ, सुनारों का मोहल्ला, खातियों के मोहल्ले से होता हुआ अस्पताल चौराहे से पुराने बस स्टैन्ड होते हुए मुख्य बाजार मे आएगा।

रथ यात्रा का मार्ग खाटूश्याम मंदिर प्रांगण - मिश्रा मोहल्ला - खातियों का मोहल्ला - अस्पताल चौराहा - पुराना बस स्टैन्ड - मुख्य बाजार है।

खाटू रथयात्रा में लुटाया जाता है प्रसाद का खजाना, Prasad treasure is looted in Khatu Rath Yatra

इसके साथ ही रथयात्रा में खजाने के रूप में बाबा के प्रसाद को लेने की होड़ मची रहती है। ध्यान रहे कि रथ यात्रा से पहले मंदिर कमेटी की तरफ से बाबा श्याम को 56 भोग अर्पित किए जाते हैं। 

56 भोग के लिए नए बर्तन खरीदे जाते हैं और इसे मंदिर परिसर मे ही तैयार करवाया जाता है। इन बर्तनों को दोबारा काम मे नहीं लिया जाता है। भोग के बाद इन्हे भक्तों और जरूरतमंद लोगों में बाँट दिया जाता है।

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