श्याम मंदिर पर साल भर लहराता है सूरजगढ़ का निशान, Surajgarh Nishan waves whole year on Shyam Mandir
मंदिर के शिखर पर झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ का निशान साल भर लहराता रहता है. मंदिर पर सूरजगढ़ का निशान लहराने के पीछे एक किवदंती है.
Surajgarh Nishan Story
सूरजगढ़ से निकलने वाली यह निशान पदयात्रा विक्रम संवत 1752 यानि 1695 ईस्वी में अमरचंद भोजराजका परिवार ने की थी.
बताया जाता है कि उस समय बाबा श्याम के मंदिर पर ताला लगा दिया गया था, तब श्याम भक्तों में मंदिर पर अपना निशान चढाने की होड़ मच गई थी. तब इस बात पर सहमति बनी कि जो श्याम भक्त मंदिर के बंद ताले को मोरछड़ी से खोलेगा, उसी का निशान शिखर पर चढ़ेगा.
Surajgarh Nishan relation with Morchhadi
सूरजगढ़ से निशान लेकर आए श्याम भक्त मंगलाराम ने मंदिर के ताले को मोरछड़ी से खोल दिया. उस समय से ही मंदिर के शिखर पर सूरजगढ़ का निशान चढ़ता आ रहा है.
उसी दिन से हर साल यह अनोखी निशान पदयात्रा निकाली जाती है जिसे मंगलाराम के परिवार व सूरजगढ़ के लोग वर्तमान में इस परम्परा को निभा रहे हैं.
Two temples of Khatu Shyam in Surajgarh
सूरजगढ़ में श्याम बाबा का पहले एक ही मंदिर था. खाटू मेले के दौरान इसी मंदिर से निशान जाता था. पुराने मंदिर के पास एक और मंदिर बनने के बाद 2004 से दोनों मंदिरों से अलग-अलग निशान जाने लगे हैं.
खाटू मंदिर कमेटी ने दोनों मंदिरों को अहमियत देते हुए दोनों निशान को शिखर पर चढ़ाने की अनुमति दे दी. शिखर पर निशान चढ़ाने के बाद पैदल ही लौटते हैं. परंपरा है कि पदयात्रा जहां से शुरू होती है, वहीं संपन्न होनी चाहिए. इसलिए निशान चढ़ाने के बाद पैदल लौटते हैं.
काफी फेमस और अनोखी है यह निशान पदयात्रा
यह निशान पदयात्रा काफी फेमस और अनोखी है जिसमें महिलाएं हाथों में निशान के साथ-साथ सिर पर जलती हुई सिगड़ी लेकर चलती हैं. ऐसा माना जाता है कि जिस महिला के मन की मुराद पूरी हो जाती है तो वह महिला सिर पर जलती हुई सिगड़ी लेकर खाटू श्याम मंदिर मे आती है और बाबा को अर्पित करती है.
सूरजगढ़ निशान पदयात्रा 90 घंटों में होती है पूरी
सूरजगढ़ से चलने वाली यह निशान पदयात्रा कुल 90 घंटे तक चलती है. यात्रा मे भक्तजन भजन गाते, झूमते हुए चलते हैं. जैसे जैसे यात्रा आगे बढ़ती है पदयात्रियों की संख्या बढ़ती जाती है.
वर्ष 2023 मे सूरजगढ़ निशान पदयात्रा कब निकलेगी?
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सूरजगढ़ निशान पदयात्रा निकाली जाएगी. बाबा श्याम का लक्खी मेला 22 फरवरी से शुरू होगा. सूरजगढ़ निशान पदयात्रा 26 और 27 फरवरी को शरू होकर 4 मार्च को श्याम बाबा को मंदिर मे निशान चढ़ाएगी.
Written By
Uma Vyas {MA (Education), MA (Public Administration), MA (Political Science), MA (History), BEd}
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