खाटू श्याम जी के चमत्कारी मंत्र सम्पूर्ण जानकारी, इस लेख मे बाबा श्याम के कुछ सिद्ध और चमत्कारिक मंत्रों के बारे मे विस्तार से बताया गया है।
लेख सूची
बाबा श्याम के दूसरे नाम
खाटू श्याम के मंत्र
श्याम मंत्रों को जपने का सही तरीका
खाटू श्याम जी के चमत्कारी मंत्र का वीडियो देखें
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कहते हैं कि सच्चे मन से खाटू वाले बाबा श्याम का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति के कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन अगर बाबा के नाम को सही ढंग और सही तरीके से लिया जाए तो आपकी अर्जी सीधे बाबा श्याम के दरबार मे लग जाती है।
जिस तरह से भगवान राम के बारे मे कहा जाता है कि राम से बड़ा राम का नाम, ठीक उसी तरह से खाटू वाले श्याम के लिए भी यही माना जाता है।
बाबा श्याम के नाम को भक्त इतना अधिक स्मरण करते हैं कि जब भी किसी का अभिवादन करना होता है, तो लोग हाय, हैलो की जगह, जय श्री श्याम बोलते हैं।
ये शाम नाम की ही महिमा है कि धार्मिक रूप से जय श्री श्याम को जय श्री राम से कम नहीं बोल जाता है। वैसे भी राम और श्याम दोनों, श्रीहरी विष्णु के ही तो अवतार हैं।
बाबा श्याम के दूसरे नाम
बाबा श्याम को उनके भक्त कई अलग-अलग प्रकार के नामों से पुकारते हैं। इन नामों मे से कुछ इस प्रकार हैं -
श्याम बाबा, तीन बाण धारी, लीले (नीले) का असवार, लखदातार, हारे का सहारा, शीश का दानी, मोरवीनंदन, खाटू वाला श्याम, खाटू नरेश, श्याम धनी, कलियुग का अवतार, दीनो का नाथ
श्याम का नाम लेने से घर मे सुख समृद्धि के साथ-साथ जीवन मे पोजीटिविटी आती है। जब बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को अपने शीश का दान दिया था, तब कृष्ण ने उसे वरदान दिया था कि कलयुग मे तुम्हारा नाम लेने मात्र से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाएंगे।
खाटू श्याम के मंत्र
बाबा श्याम के साथ-साथ बाबा से जुड़े कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जिनका जाप करने से जीवन मे खुशहाली, सफलता और मन की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
बाबा श्याम के मंत्रों को श्याम मंत्र के नाम से जाना जाता है। इन मंत्रों का निरंतर जाप करने से आपके बिगड़े काम बनने लगते हैं यानि श्याम कृपा होने लगती है।
बाबा श्याम के ये मंत्र इस प्रकार हैं-
1। ॐ श्री श्याम देवाय नमः
2। ॐ मोर्वये नमः
3। ॐ मोर्वी नंदनाय नमः
4। ॐ शीशदानेश्वराय नमः
5। ॐ खाटूनाथाय नमः
6। ॐ सुहृदयाय नमो नमः
7। ॐ महाधनुर्धर वीर बर्बरीकाय नमः
8। ॐ श्याम शरणम् ममः
9। ॐ श्याम देवाय बर्बरीकाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाथाय सुहृदयाय नमो नमः
10। ॐ मोर्वी नंदनाय विद् महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्
इनमे से एक मंत्र तो ऐसा है जिसे "सफलता का श्याम मंत्र" या "खाटू श्याम का महाशक्तिशाली महामंत्र" कहा जाता है। ये मंत्र है "ॐ श्री श्याम देवाय नमः"।
ऐसा माना जाता है कि अगर सभी प्रयासों के बाद भी अगर आप सफल नहीं हो रहे हैं तो आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
इन मंत्रों मे से एक मंत्र को खाटू श्याम का गायत्री मंत्र कहा जाता है। ये मंत्र है "ॐ मोर्वी नंदनाय विद् महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्"।
श्याम मंत्रों को जपने का सही तरीका
इस कार्य के लिए मंत्रों का सही तरीके से यानि जैसा शास्त्रों मे दिया हुआ है, उस तरीके से जाप करना चाहिए। सही विधि से बार-बार मंत्रों का जाप करने से धीरे-धीरे वो मंत्र सिद्ध होने लगता है।
मंत्र जाप के लिए मंत्र को एक तंत्र मे लाना बहुत आवश्यक है यानि अपने ध्यान को मंत्र पर केंद्रित कर इसे अपने मन के अधीन करना। जब मंत्र, मन के अधीन होने लगता है, तब उसमे दैवीय शक्तियाँ आ जाती हैं यानि मंत्र सिद्ध हो जाता है।
मंत्र को जपने के लिए किसी तरह के आडंबर करने की कोई जरूरत नहीं है। आप इन मंत्रों को कभी भी जप सकते हो, लेकिन अगर आप इन्हे जपने के लिए थोड़े अनुशासन का पालन करते हो तो ये अधिक फलदाई होते हैं।
अगर आप सात्विक मन से किसी शांत जगह पर बैठकर रोजाना मंत्र का जाप करते हो, तो धीरे-धीरे आपका ध्यान इसकी तरफ केंद्रित होने लगता है और आप ध्यान योग मे जाने लगते हो।
इस समय आपमे आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। निराशा, आशा मे बदलने लगती हैं जिससे आपका अपने जीवन के प्रति दृष्टिकोण बदलने लगता है। जैसा कि आप जानते है कि आशावादी और आत्मविश्वासी व्यक्ति ही सभी तरह से सफल हो पाता है।
अगर आप मंत्र का जाप सुबह कर रहे हो तो आपको ये जाप नहा धोकर या तो अपने घर के मंदिर मे या बाबा श्याम की फोटो के सामने बैठकर करना चाहिए।
इसके अलावा, आप किसी शांत जगह पर बाबा श्याम को स्मरण करते हए भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र को अपनी इच्छानुसार जपें, लेकिन अगर आप 108 बार जपते हैं तो इसे और अधिक अच्छा समझा जाता है।
आपको यह बात विशेष रूप से ध्यान मे रखनी है कि केवल मंत्र के जाप से कुछ नहीं होगा। मंत्र का जाप आपको अपनी पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करना है। अगर भगवान मे श्रद्धा और आस्था नहीं होगी तो किसी भी मंत्र को जपना बेकार है।
आपको समझना होगा कि मंत्र को जपने का मतलब इसे सिद्ध करना है ताकि आपकी प्रार्थना सीधे भगवान तक पहुँचे। अगर आपकी प्रार्थना भगवान तक नहीं पहुँची, तो सब व्यर्थ है।
यहाँ आप इसे इस तरीके से समझ सकते हो कि भगवान राम मे सच्ची आस्था रखने से तो पत्थर भी पानी मे तैरने लग गए थे और इन तैरते पत्थरों से लंका तक पुल बना लिया गया था।
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कुछ बिंदु
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लेखक
उमा व्यास {एमए (शिक्षा), एमए (लोक प्रशासन), एमए (राजनीति विज्ञान), एमए (इतिहास), बीएड}
अस्वीकरण
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