सलेदीपुरा में बंद पड़ी पाइराइट्स की खान - Saledipura Pyrites Mines, इसमें खंडेला के सलेदीपुरा की पहाड़ियों में पाइराइट्स की बंद पड़ी खान की जानकारी है।
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खंडेला के आस पास की पहाड़ियाँ ना सिर्फ प्राकृतिक सौन्दर्य को बढाती हैं वरन प्रचुर मात्रा में खनिज सम्पदा भी उपलब्ध कराती हैं।
कई दशकों पूर्व निकटवर्ती सलेदीपुरा (Saledipura or Saladipura) की पहाड़ियों में पाइराइट्स का भण्डार पाया गया था और कुछ वर्षों पूर्व निकटवर्ती रॉयल ग्राम की पहाड़ियों में यूरेनियम के भण्डार मिले हैं।
आज हम सलेदीपुरा की बंद हो चुकी पाइराइट्स की खान के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। पाइराइट्स की यह खान सलेदीपुरा से उदयपुरवाटी मार्ग पर ओमल सोमल देवी मंदिर से दो-तीन सौ मीटर आगे दाँई तरफ स्थित है।
अब इस खान को एक दीवार बनाकर बंद कर दिया गया है। आस पास सल्फर और सल्फ्यूरिक एसिड की बहुत तेज गंध आती रहती है।
इसे देखकर मन में यह विचार जरूर आता है कि किसी समय इस जगह पर काफी लोग कार्य करते होंगे और वाहनों का काफी आवागमन होता होगा लेकिन अब एकदम सूनसान और सन्नाटे में डूबी हुई है।
गौरतलब है कि पाइराइट्स को सल्फ्यूरिक एसिड के निर्माण में सल्फर के विकल्प के रूप में काम में लिया जाता है। यह सोइल अमेंडमेंट (Soil Amendment) के काम में भी आता है जिसकी वजह से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढती है।
यहाँ पर पाइराइट्स की खोज कब हुई और किस कंपनी ने इसे निकाला इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी पार्लियामेंट की डिजिटल लाइब्रेरी से मिल जाती है।
आप आगामी लिंक https://eparlib।nic।in/bitstream/123456789/57998/1/copu_05_39_1972।pdf पर जाकर इसे देख सकते हैं।
जब सलेदीपुरा की पहाड़ियों में पाइराइट्स का पता चला तब पीपीसीएल कंपनी ने इसकी खोज और माइंस का कार्य शुरू किया। पीपीसीएल का पूरा नाम पाइराइट्स फोस्फेट्स एंड केमिकल्स लिमिटेड था जिसे पहले नेशनल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (National Industrial Development Corporation Limited - NIDC) के नाम से जाना जाता था।
एनआईडीसी की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी जिसका 16 नवम्बर 1968 में नाम बदल कर पाइराइट्स फोस्फेट्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (Pyrites Phosphates and Chemicals Limited - PPCL) कर दिया गया था।
अक्टूबर 1970 में सलेदीपुरा में पाइराइट्स को खोज और माइंस के लिए भारत सरकार ने 82।02 लाख रुपए मंजूर किए। 30 सितम्बर 1972 तक कंपनी ने कुल 2550 मीटर में से 2440 मीटर माइंस का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया था। वर्ष 1996-97 में कंपनी ने 30,000 MT SSP और 1997-98 में 80,000 MT SSP सल्फ्यूरिक एसिड का प्रोडक्शन किया था।
ऐसा पता चलता है कि प्रोडक्शन कास्ट बढ़ जाने की वजह से वर्ष 2003 में इस खदान को बंद कर दिया गया और इसके प्रवेश द्वार पर एक मोटी दीवार भी बना दी गई ताकि कोई इसमें प्रवेश नहीं कर सके।
आप जब भी ओमल सोमल देवी के मंदिर को देखने जाए तो आपको इस खदान को बाहर से अवश्य देखना चाहिए।
पाइराइट्स खान की मैप लोकेशन - Map Location of Pyrites Mines
पाइराइट्स की खान का वीडियो - Video of Pyrites Mines
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डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इस जानकारी को विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से लिया गया है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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