एक साधारण किसान को कैसे मिला पद्मश्री? - Padmashri Farmer Jagdish Pareek

एक साधारण किसान को कैसे मिला पद्मश्री? - Padmashri Farmer Jagdish Pareek, इसमें जैविक खेती करने वाले किसान वैज्ञानिक जगदीश पारीक के जीवन की जानकारी है।

Padmashri Farmer Jagdish Pareek

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आज के दौर में सभी जगह कीटनाशकों का बोलबाला है तथा खान पान की चीजें भी इससे अछूती नहीं रह पाई है। सब्जियों में कीटनाशक की मात्रा अत्यधिक होती है।

बाजार में बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए कोई खाद्य सामग्री सुगमता से उपलब्ध नहीं है और अगर कहीं उपलब्ध भी है तो उसकी कीमत इतनी अधिक है कि वह आमजन की पहुँच से कोसो दूर है।

ऐसे समय में कुछ लोग जनस्वास्थ्य के प्रति सचेत होकर कुछ ऐसे नवाचार करते हैं जिसकी वजह से आमजन तथा किसान को बहुत लाभ होता है। ऐसे ही नवाचार पसंद किसान है सीकर जिले में श्रीमाधोपुर उपखंड के अजीतगढ़ निवासी जगदीश प्रसाद पारीक।

कहने को तो जगदीश पारीक एक किसान है परन्तु इन्होंने खेती में नए-नए प्रयोग करके किसान से वैज्ञानिक का दर्जा प्राप्त कर लिया है।

नियमित नवाचार तथा कीटनाशक मुक्त खेती की वजह से इन्होंने अपना तथा अपने क्षेत्र का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रोशन किया है।

इन्होंने अपना ध्यान पूर्णतया जैविक खेती पर केन्द्रित कर इसे एक नया आयाम दिया है। लगभग 70 बसंत पार कर चुके जगदीश पारीक निरंतर सब्जियों की नई किस्म विकसित करने में लगे रहते हैं।

जैविक खेती के जरिए अच्छी गुणवत्ता, कीटरोधी तथा सामान्य से काफी बड़े आकार की सब्जियाँ पैदा करके इन्होंने आधुनिक समय में व्याप्त उस मिथ्या भ्रान्ति को तोड़ा है जिसमे यह माना जाता है कि आज के समय में बिना कीटनाशकों के प्रयोग के अधिक तथा गुणवत्तापूर्ण सब्जियाँ नहीं उगाई जा सकती हैं।

इन्होंने अपने नवाचारों से सब्जियों में मुख्यतया फूल गोभी की नई किस्म विकसित करके किसानों को अपनी आय बढ़ाने की नई राह दिखाई है।

जगदीश पारीक अजीतगढ़ में अपने मामाजी के पास रहा करते थे। इनके मामाजी जैविक खेती को ही प्राथमिकता दिया करते थे। मामाजी के बाद इन्होंने अपने मामाजी की विरासत को संभाला और जैविक खेती में नए-नए आयाम स्थापित करने शुरू कर दिए।

पारीक ने आर्गेनिक खेती की शुरुआत वर्ष 1970 से करना शुरू की। इन्होंने सर्वप्रथम गोभी की पैदावार से शुरुआत की। शुरू-शुरू में इनकी पैदा की गोभी का वजन लगभग आधा किलो से पौन किलो तक होता था।

फिर इन्हें कहीं से पता चला कि किसानी करने में विश्व रिकॉर्ड भी बनता है तब इनके मन में भी विश्व रिकॉर्ड बनाकर अपने देश का नाम रोशन करने की तमन्ना पैदा हुई। इस प्रकार विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए इन्होंने नए-नए तजुर्बे कर गोभी का वजन बढ़ाना शुरू किया।

इस कार्य की विशेष बात यह है कि इस इसमें इन्होंने किसी भी तरह की रासायनिक खाद या कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया बल्कि सिर्फ गोबर से बनी हुई जैविक खाद का प्रयोग प्रयोग किया। इस जैविक खाद को भी पूर्णतया प्राकृतिक तरीके से केंचुओं द्वारा इन्होंने स्वयं ही तैयार किया है।

चूँकि अजीतगढ़ कस्बा डार्क जोन में आता है तथा यहाँ पानी की कमी है, अतः पानी की कमी को दूर करने के लिए बारिश के पानी को कुएँ में डाल कर रिचार्ज किया तथा इस पानी को वर्ष भर खेती के काम में लिया। इस प्रकार इन्होंने खेती में सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया है।

पारीक के खेत में 15 किलो वजनी गोभी का फूल, 12 किलो वजनी पत्ता गोभी, 86 किलो वजनी कद्दू, 6 फुट लंबी घीया, 7 फुट लंबी तोरई, 1 मीटर लंबा तथा 2 इंच मोटा बैंगन, 3 किलो से 5 किलो तक गोल बैंगन, 250 ग्राम का प्याज, साढ़े तीन फीट लंबी गाजर और एक पेड़ से 150 मिर्ची तक का उत्पादन हो चुका है।

सबसे अधिक किस्में फूलगोभी में है तथा इन्होंने अभी तक 8 किलो से लेकर 25 किलो 150 ग्राम तक की फूलगोभी का उत्पादन कर लिया है।

इन्होंने प्रयोग करके गोभी का उन्नत बीज भी तैयार किया है जिसका नाम अपने गाँव के नाम पर “अजीतगढ़ सलेक्शन” रखा है।

इस बीज की खास बात यह है कि इस बीज की पैदावार पर कम कीड़े लगते हैं तथा इससे वर्ष में तीन बार फसल ली जा सकती है।

इस बीज की राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों जैसे गुजरात तथा महाराष्ट्र में काफी मांग है। इस बीज का पेटेंट लेने के प्रयास किए जा रहे हैं।


हाल ही में जयपुर स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र ने इस बीज की जाँच कर अपनी रिपोर्ट में इसे आठ अन्य किस्मों के मुकाबले सबसे बेहतर माना है।

पारीक ने इस बीज से पैदा गोभी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी तथा भूतपूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा आदि को भेंट की है।

अपने निरंतर प्रयोग तथा कार्यों के प्रोत्साहन स्वरुप इन्हें वर्ष 2000 में श्रृष्टि सम्मान तथा वर्ष 2001 में फर्स्ट नेशनल ग्रास रूट इनोवेशन अवार्ड मिल चुका है। वर्ष 2001 में ही 15 किलो की गोभी उत्पादन के लिए इनका नाम लिम्का बुक में दर्ज हो चुका है।

इन्हें वर्ष 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में चतुर्थ नंबर पर आने वाला पद्मश्री अवार्ड भी मिल चुका है.

पारीक अब तक छह बार राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं तथा सबसे वजनी गोभी के फूल के विश्व रिकॉर्ड में दूसरे पायदान पर हैं।

जगदीश प्रसाद विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए जैविक खेती से 25 किलो 150 ग्राम वजनी गोभी का एक फूल उत्पादित कर चुके हैं परन्तु इनकी गोभी का फूल साढ़े आठ सौ ग्राम वजन से पिछड़ा हुआ है।

वर्तमान में गोभी के फूल का विश्व रिकॉर्ड 26 किलो वजन के साथ अमेरिका के नाम है। पारीक का सम्पूर्ण ध्यान 26 किलो से अधिक वजनी गोभी का फूल उत्पादित कर विश्व रिकॉर्ड को ध्वस्त करने का है।

पारीक ने अभी 19 मार्च 2018 से 23 मार्च 2018 तक राष्ट्रपति भवन में आयोजित नवप्रवर्तन एवं उद्यमिता उत्सव कार्यक्रम में जैविक खेती तथा “अजीतगढ़ सलेक्शन” गोभी के बीज से उत्पादित गोभी के विषय में अन्तर्राष्ट्रीय परिचर्चा में भाग लेकर प्रजेंटेशन भी दिया है।

Contact details of Mr Jagdish Pareek
Mobile Number - 9950323338
Email Id - jagdishpareek67@gmail.com

पद्मश्री किसान जगदीश पारीक का वीडियो - Video of Padmashri Farmer Jagdish Pareek






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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Being a healthcare professional, I want to educate people to live a healthy life by providing health education to them. I also aware people about their lifestyle and eating habits by providing healthcare and wellness tips. Being a creator, I provide useful healthcare information in the form of articles and videos on various topics such as physical, mental, social and spiritual health, lifestyle, eating habits, home remedies, diseases and medicines. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature.

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