मोटे परकोटे से घिरा मुकुंदगढ़ का किला

मोटे परकोटे से घिरा मुकुंदगढ़ का किला - Mukundgarh Ka Kila, इसमें ठाकुर मुकुंद सिंह द्वारा बनवाए गए मुकुंदगढ़ के किले के बारे में जानकारी दी गई है।

Mukundgarh Ka Kila

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मुकुंदगढ़ या मुकन्दगढ़ (Mukundgarh or Mukandgarh) का पुराना नाम साहबसर (Shahabsar) था। बाद में इसे ठाकुर मुकुंद सिंह साहब ने वर्ष 1860 में सेठ सेवक राम गुहालेवाला (Sevek Ram Guhalewala) की मदद से बदल कर मुकुंद गढ़ कर दिया।

ठाकुर मुकुंद सिंह ने वर्ष 1859 में यहाँ पर एक भव्य गढ़ का निर्माण भी करवाया जिसे मुकुंदगढ़ के किले (Mukundgarh Fort) के नाम से जाना जाता है। सीकर शहर से यह गढ़ लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है।

पर्यटन के लिए मशहूर मंडावा, डूंडलोद, नवलगढ़, फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ जैसे कस्बे भी यहाँ से पास में ही है। यह किला कस्बे में सबसे ऊँचे स्थान पर बना हुआ है और चारों तरफ से एक मोटे परकोटे से घिरा हुआ है।

इस परकोटे की दीवार की मोटाई लगभग 6-7 फीट के लगभग है। गढ़ के मुख्य दरवाजे से अन्दर प्रवेश करने पर सामने काफी खुली जगह है। सामने और बाईं तरफ के निर्माणों में तोपखाना और शस्त्रागार बना हुआ था।

खुले मैदान में दाँई तरफ पत्थर के बने हुए दो हाथी नजर आते हैं। हाथियों के बीच में से खुर्रे से ऊपर जाने पर फव्वारे लगे हुए हैं।

एक तरफ राजसी पौशाक पहनकर हाथों में तलवार पकड़े किसी व्यक्ति की प्रतिमा है, संभवतः यह राजा मुकुंद सिंह की प्रतिमा हो।

आगे जाने पर फव्वारों युक्त क्यारियाँ बनी हुई हैं। थोडा आगे जाने पर हाथों में तलवार पकड़े एक और प्रतिमा है जो संभवतः किसी राजकुमार की है।


अन्दर प्रवेश करने पर एक चौक है जिसके चारों तरफ कमरे ही कमरे बने हुए हैं। सारा निर्माण राजपूती शैली में बना हुआ है।

गढ़ में अन्य कई चौक और हैं जिनके चारों तरफ कमरे बने हुए हैं। गढ़ के ऊपर जाने पर दुर्गा माता का मंदिर है जिसे राजा बाघ सिंह ने बनवाया था।

गढ़ के ऊपर से सारा मुकुंदगढ़ कस्बा नजर आता है। यहाँ से सूर्योदय एवं सूर्यास्त का भी भव्य नजारा किया जा सकता है। अधिक पुराना नहीं होने के कारण और निरंतर मरम्मत एवं देखरेख होने के कारण गढ़ एकदम सुरक्षित दशा में हैं।

इस गढ़ में कुछ वर्षों पूर्व तक एक हेरिटेज होटल चलता था जो किसी विवाद की वजह से बंद हो गया। गढ़ की दशा अच्छी होने के पीछे यह होटल भी एक बड़ा कारण रहा है।

मुकुंदगढ़ के अन्य दर्शनीय स्थलों में गंगा बक्स सराफ हवेली (Ganga Bux Saraf Haveli), फोर्ट विलियम हवेली (Fort William Haveli), गुहालों वालों की हवेली (Guhale Wolon ki Haveli), देवकी नंदन मुरारका हवेली (Devki Nandan Murarka Haveli), गनेरीवाल हवेली Ganeriwal Haveli), कनोडिया हवेली (Kanodia Haveli) आदि प्रमुख है।

ये सभी हवेलियाँ शेखावाटी की अन्य पारंपरिक हवेलियों की तरह अपने आप में वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण होने के साथ-साथ भव्य भित्ति-चित्रों को भी अपने अन्दर समेटे हुए है।

मुकुंदगढ़ के किले की मैप लोकेशन - Map Location of Mukundgarh Fort



मुकुंदगढ़ के किले का वीडियो - Video of Mukundgarh Fort



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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature. I write religious articles related to temples and spiritual places specially Khatu Shyamji also.

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