कैसे बनते हैं मंडास्या के स्वादिष्ट समोसे? - Mandasya Ke Samose

कैसे बनते हैं मंडास्या के स्वादिष्ट समोसे? - Mandasya Ke Samose, इसमें श्रीमाधोपुर के मंडास्या के प्रसिद्ध समोसों के बारे में जानकारी दी गई है।

Mandasya Ke Samose

{tocify} $title={Table of Contents}

समोसा शब्द सुनकर ही बहुत से लोगों के मुँह में पानी आ जाता है। कुछ लोग तो नियमित रूप से समोसा खाते हैं।

जब किसी समोसे को एक बार खाने के बाद अगर आपका मन इसे दुबारा खाने का करें तो समझ लीजिये कि यह समोसा बहुत स्वादिष्ट है और इसमें कुछ खास बात है।

ऐसे ही स्वादिष्ट समोसे हैं श्रीमाधोपुर में स्थित मंडास्या चाट भण्डार के। यह चाट भण्डार एक ठेले के रूप में गोपीनाथजी के मंदिर के ठीक सामने की तरफ प्रतिदिन शाम के तीन बजे से रात्रि आठ बजे तक लगती है। इस चाट भंडार की शुरुआत घासीराम सैनी ने वर्ष 1975 में चौपड बाजार से की थी।

वर्षों तक घासीराम सैनी श्रीमाधोपुर वासियों को स्वादिष्ट समोसा खिलाते रहे। उनके बाद में उनके पाँच पुत्रों में से चार ने अपने पिताजी के परंपरागत पेशे को अपनाकर समोसे के उसी स्वाद को आज तक बरकरार रखा है जिसकी शुरुआत उनके पिताजी ने की थी।

इस चाट भंडार का नाम मंडास्या रखे जाने का भी एक रोचक कारण है। दरअसल उस समय चौपड बाजार में दो घासीराम सैनी व्यापार किया करते थे। दोनों का नाम एक ही होने के कारण लोगों को परेशानी होने लगी।

समोसे बनाने वाले घासीराम सैनी अपने सिर पर हमेशा एक मंडासी (पगड़ी की तरह बंधा हुआ कपड़ा) रखते थे, इस वजह से लोगों में इन्हें मंडास्या नाम से पुकारना शुरू कर दिया।


ये स्वादिष्ट समोसे कैसे बनाये जाते हैं तथा जिस चटनी के साथ ये खाए जाते हैं वो काथोडी चटनी कैसे तैयार की जाती है? यही सब कुछ हमें बताने जा रहे हैं घासीराम जी के पौत्र गणेश सैनी, जिनकी देखरेख में ये समोसे, छोले, चटनी आदि सब तैयार होता है।

समोसे बनाने की पाँच प्रमुख स्टेप हैं जिन्हें फॉलो करके हम अपने घर पर भी स्वादिष्ट समोसे बना सकते हैं।

मंडास्या के स्वादिष्ट समोसे कैसे बनते हैं? - How to make Mandasya's delicious samosas?


1 समोसे में भरने के लिए आलू का मसाला बनाना - Making potato masala for samosa filling


सबसे पहले आवश्यकतानुसार आलू उबालकर उन्हें छीला जाता है तथा उसके बाद उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है।

तेल को कढ़ाई में डालकर उसे पकाया जाता है। पके हुए तेल में जीरा डालकर उसे भूना जाता है। जीरा भूनने के बाद उसमे पहले से तैयार मसाला (अदरक के साथ नमक, मिर्च, हल्दी तथा गरम मसाले को पीसकर बनाया हुआ) डाला जाता है। इस धीमी आग पर दो से तीन मिनट तक पकाया जाता है। पकने के बाद में इसमें कटी हुई हरी मिर्च डाली जाती है।

इसके बाद में इसमें आवश्यकतानुसार रात से भीगे हुए काबुली चने डालते हैं तथा साथ में साबुत धनिया एवं सौफ डाल देंगे। इसको भी दो से तीन मिनट तक पकाया जाता है। इसके बाद में उबले हुए आलू के कटे हुए टुकड़े डालेंगे। अब इसे अच्छी तरह मिक्स कर देंगे।

अंत में खुशबू के लिए हरे धनिये की पत्तियाँ डाल कर अच्छी तरह से मिला देंगे। इस प्रकार समोसे में भरे जाने वाला आलू का मसाला तैयार हो गया है।

2 समोसे के साथ खाए जाने वाली काथोडी चटनी बनाना - Making Kathodi Chutney to be eaten with Samosas


सबसे पहले हरा पुदीना और हरा धनिया लेकर उसे मिक्सी में अच्छी तरह से गुदगुदा (semisolid) पीस लिया जाता है। इसके बाद इसी प्रकार हरी मिर्च को भी गुदगुदा (semisolid) पीसा जाता है।

फिर जीरा लेकर इसे भी गुदगुदा (semisolid) पीसा जाता है। इसके बाद टमाटर लेकर उन्हें पीसा जाता है। इन सभी को एक बर्तन में अच्छी तरह से मिक्स कर लिया जाता है।

फिर इसमें गरम मसाला, काली मिर्च तथा लोंग को अलग से पीसकर मिश्रण बनाये हुए मसाले को डाला जाता है। स्वाद के अनुसार काथोडी पाउडर डाला जाता है। फिर स्वादानुसार लाल मिर्च एवं नमक डाला जाता है। सबको अच्छी तरह से मिक्स कर लिया जाता है। इस प्रकार समोसे के साथ खाने के लिए लजीज चटनी तैयार की जाती है।

3 समोसे के साथ खाए जाने वाले छोले तैयार करना - Preparing Chhole to be eaten with samosas


इसके लिए रात को छोले भिगोये जाते हैं। छोले में डालने के लिए मसाला बनाया जाता है। इस मसाले को बनाने के लिए सबसे पहले मिक्सी में अदरक को पीसा जाता है।

इसके बाद इसमें पिसे हुए मसाले जैसे नमक, मिर्च, हल्दी तथा गरम मसाला डाला जाता है। यही मसाला आलू के मसाले को तैयार करते समय उपयोग में लिया जाता है।

इसके बाद एक बड़े बर्तन में भीगे हुए छोले पंद्रह से बीस मिनट तक पकाए जाते हैं। इसके बाद इसमें एक अनुपात के हिसाब से बेसन डाला जाता है एवं लगभग एक से डेढ़ घंटे तक इसे उबाला जाता है।

छोले तैयार हो जाने के बाद इसमें कटा हुआ हरा धनिया डाला जाता है। इस प्रकार समोसे के साथ खाए जाने वाले छोले तैयार हो जाते हैं।

4 समोसे के लिए मैदा लगाना - Preparing Maida for Samosa


सबसे पहले मैदा में नमक डाला जाता है तथा उसके बाद उसको नरम करने के मोयन (50 ग्राम प्रति किलो) डाला जाता है। इसके लिए इसमें रिफाइंड तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

तेल के साथ ही इसमें पानी डाला जाता है। मैदा को अब अच्छी तरह से गूंथा जाता है। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि समोसे की मैदा को कचोरी की मैदा से थोड़ा टाइट लगाया जाता है।

5 समोसे को तलना - Frying of Samosas

इसके लिए मैदा की लोइयां बनाकर उन्हें समोसे के हिसाब से बेला जाता है। फिर इसमें आलू का मसाला भरकर तला जाता है। जब ये अच्छी तरह से तल जाए तो फिर इन्हें निकाल लिया जाता है।

इस प्रकार बने हुए समोसे को अकेले चटनी के साथ या फिर छोले में छोटे-छोटे टुकड़े कर साथ में काथोडी चटनी एवं प्याज डालकर खाया जाता है।

मंडास्या चाट भण्डार की मैप लोकेशन - Map Location of Mandasya Chat Bhandar



मंडास्या के स्वादिष्ट समोसे का वीडियो - Video of Samosa of Mandasya



सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें (Connect With Us on Social Media)

घूमने की जगहों की जानकारी के लिए हमारा व्हाट्सएप चैनल फॉलो करें
घूमने की जगहों की जानकारी के लिए हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इस जानकारी को विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से लिया गया है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Being a healthcare professional, I want to educate people to live a healthy life by providing health education to them. I also aware people about their lifestyle and eating habits by providing healthcare and wellness tips. Being a creator, I provide useful healthcare information in the form of articles and videos on various topics such as physical, mental, social and spiritual health, lifestyle, eating habits, home remedies, diseases and medicines. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature.

Post a Comment

Previous Post Next Post