यहाँ देवी के रूप में क्यों पूजी जाती है तोप? - Topmata Mandir Udaipur

यहाँ देवी के रूप में क्यों पूजी जाती है तोप? - Topmata Mandir Udaipur, इसमें उदयपुर के तोप माता मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।

Topmata Mandir Udaipur

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क्या आपने किसी तोप की देवी माता के रूप में पूजा होते देखी है? क्या आपने किसी तोप के लिए मंदिर बना हुआ देखा है? जहाँ तक हमें लगता है, आपने ऐसा नहीं देखा है।

आज हम आपको बताएँगे कि ऐसा कहाँ पर होता है। दरअसल उदयपुर शहर के अन्दर एक ऐसी जगह है जहाँ पर तोप को देवी माता का रूप मानकर पूजा की जाती है।

ये जगह है उदयपुर शहर में रेलवे स्टेशन के सामने एक बुर्ज के ऊपर मंदिर की तरह बनी हुई छतरी है। इस बुर्ज को तोपमाता बुर्ज के नाम से जाना जाता है।

तोप की नियमित पूजा अर्चना होने की वजह से अब इसे तोपमाता मंदिर के नाम से जाना जाने लगा है। इस तोप की पूजा की शुरुआत 18वीं शताब्दी में मेवाड़ के प्रधानमंत्री अमरचंद बड़वा ने शुरू की थी।

यहाँ पर जाने के लिए आपको रेलवे स्टेशन के सामने बने हुए परकोटे के अन्दर जाना होगा। अन्दर जाने की लिए परकोटे की मोटी दीवार में एक रास्ता बना हुआ है जिसमें पैदल या बाइक से जाया जा सकता है।

अन्दर जाते ही लेफ्ट साइड में बुर्ज के ऊपर मंदिर की तरफ जाने का दरवाजा बना हुआ है। मुख्य दरवाजा बंद रहता है इसलिए बगल में सीढ़ियों युक्त छोटा दरवाजा बना हुआ है।

मंदिर सामान्यतया शाम के वक़्त ही खुलता है लेकिन अगर कोई दिन में भी जाना चाहे तो मंदिर के पुजारी रवी के घर से चाबी ले सकता है।

पुजारी का घर दरवाजे की राईट साइड में पास में ही है। परकोटे से बुर्ज की तरफ जाने पर बुर्ज के ऊपर छतरी बनी हुई दिखाई देती है।

मंदिर जैसी इस छतरी को लगभग 40 वर्ष पहले नगर निगम ने बनवाया था। नगर निगम द्वारा छतरी बनवाने से पहले यह स्थान काफी जीर्ण शीर्ण अवस्था में था।

इस छतरी के चारों तरफ चार मजबूत स्तम्भ बने हुए हैं। ऐसा बताया जाता है कि प्राचीन समय में यह तोप इन स्तंभों पर टिकी हुई थी और इसे जरूरत के मुताबिक चारों तरफ घुमाया जा सकता था।

बुर्ज से परकोटे के सहारे एक रास्ता सूरजपोल की तरफ तो दूसरा रास्ता माछला मगरा की तरफ जा रहा है। अब जगह-जगह लोगों के रहने की वजह से ये रास्ता छोटा और समाप्त सा हो गया है।

वर्तमान में छतरी के नीचे एक 30 फीट लम्बाई की तोप रखी हुई है। इस तोप को तीन सौ वर्षों से भी अधिक प्राचीन बताया जाता है।


इस तोप की नियमित रूप से पूजा अर्चना और आरती होती है। शक्तिरूपी तोप को चुनरी ओढ़ाई हुई है और इसके पास में त्रिशूल लगा हुआ है। छतरी और नीचे चारों तरफ चढ़े हुए नारियल बंधे हुए हैं।

इस तोप की सबसे बड़ी खासियत तो इसकी पूजा होना है, इसकी दूसरी बड़ी खासियत यह है कि ये तोप बीच में से आधी कटी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि किसी समय इस कटे हुए भाग में से रक्त बहा करता था।

पुजारी रवी के अनुसार इस जगह पर कई बार नाग नागिन का जोड़ा भी दिखाई दिया है जिस वजह से बहुत से लोग यहाँ आने से डरते है, लेकिन इस जोड़े की वजह से आज तक किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

नवरात्रों के समय इस स्थान पर काफी भीड़ रहती है। श्रद्धालु यहाँ पर सिंदूर चढ़ा कर अखंड दीपक के साथ पूजन करते हैं।

उदयपुर में तोपों का इतिहास - History of Cannons in Udaipur


मेवाड़ के प्रधानमंत्री अमरचंद बड़वा के समय उदयपुर शहर की रक्षा के लिए कुछ तोपों को शहरकोट पर रखवाना शुरू किया गया।

रेलवे स्टेशन के सामने शहरकोट की बुर्ज पर जगत शोभा या लोड़ची तोप, हाथी पोल पर जय अम्बा तोप और सूरजपोल पर मस्त बाण तोप रखी गई।

अमरचंद बड़वा द्वारा शुरू की गई जगत शोभा तोप की पूजा आज भी नियमित रूप से की जाती है। अब इस तोप को तोपमाता के नाम से पूजा जाता है।

1769 ईस्वी में मराठा आक्रमण के समय मेवाड़ के प्रधानमंत्री अमरचंद बड़वा ने माछला मगरा के एकलिंग गढ़ पर एक तोपखाना बनवाकर उस पर दुश्मन भंजक नाम की बड़ी तोप लगवाई।

यह तोप उदयपुर की सबसे बड़ी तोप थी जिससे गोला दागने पर वह 15 किलोमीटर दूर देबारी के दरवाजे तक मार करता था।

मराठों से हुए इस युद्ध में एकलिंग गढ़ पर दुश्मन भंजक तोप की कमान महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय के पुत्र कुंवर बाघ सिंह ने अपने अरबी मुस्लिम सिपाहियों के साथ संभाली थी।

आज भी एकलिंग गढ़ के एक हिस्से में इस तोप को चलाने वाले तोपची की याद में एक दरगाह बनी हुई है जिसे तोप वाले बाबा की दरगाह कहते हैं।

ऐसा बताया जाता है कि 1769 ईस्वी के मराठा आक्रमण से जगत शोभा और दुश्मन भंजक तोपों के कारण ही उदयपुर की रक्षा हुई थी।

बाद में रेलवे स्टेशन के सामने शहरकोट की बुर्ज से जगत शोभा तोप को हटा दिया गया था जिसे मेवाड़ के  प्रधानमंत्री ठाकुर अमर सिंह बड़वा ने वापस यहाँ रखवाया।

अगर आप इस अनूठे स्थान को देखना चाहते हैं तो आप उदयपुर की ऐतिहासिक तोपमाता बुर्ज के ऊपर स्थित तोपमाता के मंदिर में जाएँ।

तोपमाता मंदिर उदयपुर की मैप लोकेशन - Map location of Topmata Temple Udaipur



तोपमाता मंदिर का वीडियो - Video of Topmata Temple Udaipur



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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Being a healthcare professional, I want to educate people to live a healthy life by providing health education to them. I also aware people about their lifestyle and eating habits by providing healthcare and wellness tips. Being a creator, I provide useful healthcare information in the form of articles and videos on various topics such as physical, mental, social and spiritual health, lifestyle, eating habits, home remedies, diseases and medicines. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature.

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