राजस्थान से शुरू होती है साबरमती नदी - Origin of Sabarmati River

राजस्थान से शुरू होती है साबरमती नदी - Origin of Sabarmati River, इसमें गुजरात की साबरमती नदी के उदयपुर में उद्गम स्थल के बारे में जानकारी दी गई है।

Origin of Sabarmati River

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क्या आप जानते हैं कि गुजरात में अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे शहर जिस नदी के किनारे पर बसे हैं, वह नदी राजस्थान से शुरू होती है यानी इस नदी का उद्गम स्थल राजस्थान में है।

इसी नदी के किनारे पर महात्मा गाँधी का निवास भी था जो अब साबरमती आश्रम के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है।

आज हम गुजरात की इस प्रमुख नदी साबरमती के उद्गम स्थल के बारे में जानेंगे और देखेंगे उस जगह को, जहाँ से यह नदी शुरू होती है। तो आइए शुरू करते हैं।

साबरमती नदी का परिचय - Introduction to Sabarmati River


पश्चिम दिशा में बहने वाली साबरमती नदी गुजरात ही नहीं बल्कि भारत की प्रमुख नदियों में से एक है जिसकी कुल लंबाई 371 किलोमीटर है।

इन 371 किलोमीटर में यह नदी राजस्थान में मात्र 48 किलोमीटर ही बहती है, बाकी 323 किलोमीटर गुजरात में बहती है।

यह नदी राजस्थान के उदयपुर जिले में अरावली पर्वतमाला से शुरू होकर गुजरात के साबरकांठा, मेहसाणा, गांधीनगर, अहमदाबाद आदि जिलों से बहकर अरब सागर की खंभात की खाड़ी में गिर जाती है।

जैसा कि हमने पहले बताया कि इस नदी के किनारे अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे शहर स्थित होने के साथ-साथ महात्मा गाँधी का साबरमती आश्रम जैसा महत्वपूर्ण स्थान भी स्थित है।

इसी नदी पर मेहसाणा जिले के धरोई गाँव के पास 1971 का बना हुआ एक बाँध है जिसे धरोई बाँध कहते हैं। धरोई बाँध योजना के द्वारा इस नदी के पानी का उपयोग गुजरात में सिंचाई और बिजली बनाने के लिए होता है।

राजस्थान में साबरमती नदी - Sabarmati River in Rajasthan


राजस्थान में साबरमती नदी उदयपुर के गोगुंदा से कुछ किलोमीटर आगे उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र की पहाड़ियों से शुरू होकर कोटड़ा से होकर गुजरात में चली जाती है।

राजस्थान में साबरमती नदी को वाकल नदी के नाम से जाना जाता है। वाकल नदी की सबसे प्रमुख सहायक नदी मानसी है।

मानसी नदी, वाकल नदी की पूर्वी दिशा से बहकर आती है। मानसी नदी पर बने बाँध को मानसी वाकल बाँध कहते हैं।

वाकल नदी की दूसरी सहायक नदी सेई नदी है जो वाकल नदी की पश्चिमी दिशा से बहकर आती है। सेई नदी पर सेई बाँध बना हुआ है।

वाकल, मानसी और सेई तीनों नदियों की सम्मिलित धारा को गुजरात में साबरमती नदी कहा जाता है।

साबरमती नदी (वाकल नदी) का उद्गम स्थल - Origin of Sabarmati River (Wakal River)


ऐसा माना जाता है कि महाराणा प्रताप की पुरानी राजधानी गोगुंदा की दक्षिणी पर्वत श्रंखला के पश्चिमी भाग की पहाड़ियों से गोगुंदा के दक्षिण में बहने वाली वाकल नदी निकलती है।

यह नदी गोगुंदा से लगभग 5 किलोमीटर की दूर पश्चिम दिशा में दादिया गाँव के आगे आंदेत के पहाड़ों से निकलती है।

यहाँ से यह नदी दक्षिण दिशा में पड़ावली, ओगणा, मानपुर, कोटड़ा होते हुए गुजरात के ईडर में चली जाती है। गुजरात में इसे साबरमती नदी के नाम से जाना जाता है।

गूगल मैप में साबरमती नदी को साफ-साफ दिखाया है। अगर हम गूगल मैप को ध्यान से देखें तो पता चलता है कि साबरमती नदी गोगुंदा से कुछ किलोमीटर आगे उत्तर पश्चिम में सेमटाल और ओबरा गाँव की पहाड़ियों से निकलती है।

यहाँ पर बाँध भी बना है जिसे भुज का नाका कहा जाता है। यह बाँध काफी बड़ा है जिसमें दूर-दूर तक पानी ही पानी भरा है।

मानसी नदी का उद्गम स्थल - Origin of Mansi River


अगर वाकल नदी की सहायक नदी मानसी की बात करें तो गोगुंदा के दक्षिण में बहने वाली मानसी नदी, गोगुंदा की दक्षिणी पर्वत श्रंखला के पूर्वी भाग की पहाड़ियों से निकलती है।

यह नदी मजावद, पलेवा घाटी, उंदीथल होते हुए गोराणा के मानसी वाकल बाँध में आती है। मानसी वाकल बाँध में सुखेर का नाका, आकोदड़ा बाँध और मादड़ी बाँध से पानी आता है।

मानसी वाकल बाँध से यह नदी झाड़ोल, बदराणा, लाखा गुढ़ा, ओड़ा होते हुए बिरोठी नामक स्थान पर वाकल नदी में मिल जाती है।

सेई नदी का उद्गम स्थल - Origin of Sei River


साबरमती नदी की सहायक सेई नदी का उद्गम स्थल गोगुंदा से 25 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम दिशा में भोमट के पठार में पदराड़ा और सरवन की पहाड़ियाँ हैं।

यहाँ से यह नदी दो हिस्सों में बँटकर चलती है। नदी का एक हिस्सा मेवाड़ों का मठ होते हुए तो दूसरा हिस्सा मालवा का चौरा होते हुए देवला में वापस मिल जाता है। देवला से आगे यह नदी सेई बाँध में चली जाती है।

देवला और पिंडवाड़ा के बीच स्थित सेई बाँध इस नदी के पानी को रोकने के लिए बनाया गया है। इस बाँध से नदी का पानी टनल के द्वारा जवाई बाँध ले जाया जाता है।


सेई बाँध के पास में ही काली बोर बाँध भी है जिसका पानी भी सेई बाँध से आगे इस नदी में मिल जाता है। यहाँ से ये पानी तीलारनी, नवानिया, भूरी ढेबर, बाखेल के बाद गुजरात में चंद्राणा, काजवास होते हुए वडनाल के पास साबरमती नदी में मिल जाता है।

बेकारिया वार बाँध का पानी - Water of Bekariya Var Dam


इसके साथ सेमर माल, पीपल माल, मेरपुर और आस पास की पहाड़ियों से बहता पानी क्यारा गाँव के पास बेकारिया वार के बाँध में भरता है।

यहाँ से यह पानी खजूरिया, नयावास होते हुए गुजरात के उम्बरवा से आगे साबरमती नदी में मिल जाता है।

इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि उदयपुर के उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र के पहाड़ों से कई छोटी नदियों का पानी मिल कर साबरमती नदी में बदल जाता है।

राजस्थान से आगे गुजरात में इस नदी में कुछ और नदियों का पानी मिलकर इसे गुजरात की प्रमुख नदी बना देता है।

साबरमती नदी के उद्गम स्थल पर कैसे जाएँ? - How to reach the origin of Sabarmati River?


अब हम आपको बताते हैं कि गूगल मैप के हिसाब से साबरमती नदी के उद्गम स्थल पर कैसे जाएँ?

गूगल मैप के हिसाब से साबरमती नदी का उद्गम स्थल गोगुंदा से आगे सेमटाल गाँव के पास में है। उदयपुर रेलवे स्टेशन से यहाँ की दूरी लगभग 44 किलोमीटर है। गोगुंदा से साबरमती नदी के उद्गम स्थल की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है।

यहाँ जाने के लिए आपको उदयपुर पिंडवाड़ा हाईवे से गोगुंदा जाना होगा। गोगुंदा से आगे राइट टर्न लेकर सेमटाल गाँव से कुछ आगे लेफ्ट साइड में बने हुए बाँध पर जाना है। यही वह जगह है जहाँ से साबरमती नदी शुरू होती है।

आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय जरूर बताएँ।

इस प्रकार की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।

साबरमती नदी के उद्गम स्थल की मैप लोकेशन - Map location of the origin of Sabarmati river



साबरमती नदी के उद्गम स्थल का वीडियो - Video of origin of Sabarmati river



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I love to see old historical monuments closely, learn about their history and stay close to nature. Whenever I get a chance, I leave home to meet them. The monuments that I like to see include ancient forts, palaces, stepwells, temples, chhatris, mountains, lakes, rivers etc. I also share with you the monuments that I see through blogs and videos so that you can also benefit a little from my experience.

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