खाटू श्याम मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है? - Khatu Shyam Mandir Itna Prasiddh Kyon Hai?

खाटू श्याम मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है? - Khatu Shyam Mandir Itna Prasiddh Kyon Hai?, इसमें खाटू श्याम मंदिर से जुड़ी विशेषताओं के बारे में बताया है।

Khatu Shyam Mandir Itna Prasiddh Kyon Ha

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सीकर जिले का खाटूश्यामजी कस्बा बाबा श्याम के मंदिर की वजह से सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। बाबा श्याम की इस पावन धरा को खाटूधाम के नाम से भी जाना जाता है।

खाटू श्याम जी को हारे के सहारे के नाम से क्यों जाना जाता है? - Why is Khatu Shyam Ji known as Hare Ka Sahara?


कहते हैं कि बाबा श्याम उन लोगों की मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं जो लोग सब जगह से निराश हो जाते हैं, हार जाते हैं इसलिए इन्हें हारे के सहारे के नाम से भी जाना जाता है।

खाटू श्याम मंदिर किसने बनवाया? - Who built Khatu Shyam temple?


श्याम कुंड में बर्बरीक का सिर मिलने के बाद खाटू श्याम मंदिर का निर्माण रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर ने 1027 में करवाया था।

मुगल बादशाह औरंगजेब के काल में उनके आदेश से इस मंदिर को तोड़ा गया था। औरंगजेब की मृत्यु के बाद, 1720 ईस्वी (विक्रम संवत 1777) में अभय सिंह द्वारा एक नया मंदिर बनवाया गया था।

खाटू का नाम खाटू श्याम कैसे पड़ा? - How did Khatu village get the name Khatu Shyam?


बाबा श्याम के मंदिर की वजह से यह गाँव खाटूश्यामजी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य के दरबार में शीश नवाने खाटू नगरी आते हैं।

खाटू श्याम मंदिर की वास्तुकला - Architecture of Khatu Shyam temple


बाबा श्याम का मंदिर कस्बे के बीच में बना हुआ है। मंदिर के दर्शन मात्र से ही मन को बड़ी शान्ति मिलती है। सफेद संगमरमर से निर्मित यह मंदिर अत्यंत भव्य है।

मंदिर में पूजा करने के लिए बड़ा हाल बना हुआ है जिसे जगमोहन के नाम से जाना जाता है। इसकी चारों तरफ की दीवारों पर पौराणिक चित्र बने हुए है।

गर्भगृह के दरवाजे एवं इसके आसपास की जगह को चाँदी की परत से सजाया हुआ है। गर्भगृह के अन्दर बाबा का शीश स्थित है। शीश को चारों तरफ से सुन्दर फूलों से सजाया जाता है।


मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं के लिए बड़ा सा मैदान है। मंदिर के दाई तरफ मेला ग्राउंड था लेकिन अब इसमें दर्शनों के लिए रेलिंग लगा दी गई है।

खाटू श्याम जी की कथा - Story of Khatu Shyam Ji


बर्बरीक के खाटूश्यामजी के नाम से पूजे जाने के पीछे एक कथा है। इस कथा के अनुसार बर्बरीक पांडू पुत्र महाबली भीम के पौत्र थे। इनके पिता का नाम घटोत्कच एवं माता का नाम कामकंटका (कामकटंककटा, मोरवी, अहिलावती) था।

बर्बरीक ने देवियों की तपस्या करके उनसे तीन अभेद्य बाण प्राप्त किए थे। हारने वाले पक्ष की सहायता करने के उद्देश्य से नीले घोड़े पर सवार होकर ये कुरुक्षेत्र के युद्ध में भाग लेने के लिए आए।

भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण के वेश में एक तीर से पीपल के सभी पत्तों को छिदवाकर इनकी शक्तियों को परखा। बाद में दान स्वरूप इनका शीश मांग लिया। फाल्गुन माह की द्वादशी को बर्बरीक ने कृष्ण को अपने शीश का दान दे दिया।

कृष्ण ने बर्बरीक को कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया। युद्ध समाप्ति के पश्चात बर्बरीक का शीश रूपवती नदी में बहकर खाटू ग्राम में आ गया।

खाटू में बर्बरीक का शीश कहाँ पर निकला? - Where did Barbarik's head come out in Khatu?


11वीं सदी में जब खाटू गांव में श्याम कुंड के उस स्थान पर खुदाई की गई थी जहां एक गाय के थन से स्वत: ही दूध बह रहा था, तो वहां बर्बरीक का शीश निकला।

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण किसने करवाया था? - Who built Khatu Shyam temple?


1027 ईस्वी में, रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर द्वारा निर्मित मंदिर में बर्बरीक के सिर का अभिषेक किया गया। मुगल बादशाह औरंगजेब के काल में मूल श्याम मंदिर को नष्ट कर यहां एक मस्जिद का निर्माण किया गया था।

औरंगजेब की मृत्यु के बाद, 1720 में अभय सिंह द्वारा नए स्थान पर मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। बाद में यह गाँव बाबा श्याम के मंदिर के कारण खाटूश्यामजी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

खाटू श्याम जी के कितने नाम हैं? - How many names does Khatu Shyam Ji have?


बाबा श्याम को श्याम बाबा, तीन बाण धारी, नीले घोड़े का सवार, लखदातार, हारे का सहारा, शीश का दानी, मोर्वीनंदन, खाटू वाला श्याम, खाटू नरेश, श्याम धणी, कलयुग का अवतार, दीनों का नाथ आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। ऐसी ही नई-नई जानकारियों के लिए हमसे जुड़े रहें। जल्दी ही फिर मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ। तब तक के लिए धन्यवाद, जय श्री श्याम।

खाटू श्याम मंदिर मैप लोकेशन - Map Location of Khatu Shyam Mandir



खाटू श्याम मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है का वीडियो - Video of why Khatu Shyam Temple is so famous



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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Being a healthcare professional, I want to educate people to live a healthy life by providing health education to them. I also aware people about their lifestyle and eating habits by providing healthcare and wellness tips. Being a creator, I provide useful healthcare information in the form of articles and videos on various topics such as physical, mental, social and spiritual health, lifestyle, eating habits, home remedies, diseases and medicines. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature.

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