खाटू श्याम का जन्मदिन कब और कैसे मनाते हैं? - Khatu Shyam Ka Janmdin Kab Aur Kaise Manate Hain?

खाटू श्याम का जन्मदिन कब और कैसे मनाते हैं? - Khatu Shyam Ka Janmdin Kab Aur Kaise Manate Hain?, इसमें कार्तिक महीने में श्याम जन्मोत्सव की जानकारी है।

Khatu Shyam Ka Janmdin Kab Aur Kaise Manate Hain?

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श्याम बाबा के प्रमुख उत्सवों में सबसे प्रमुख उत्सव है श्याम बाबा का जन्मोत्सव। बाबा श्याम का जन्मदिन पूरे देश में तो मनाया ही जाता है लेकिन खाटू के श्याम मंदिर में इसे विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

बाबा का जन्मदिन मनाने के लिए पूरे भारत से श्याम भक्त कई दिन पहले से ही खाटू नगरी में आने लगते हैं। बाबा के जन्मदिन पर दो दिवसीय मेला भरता है।

श्याम जन्मोत्सव के समय खाटू नगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो जाती है। आप श्रद्धालुओं की संख्या का अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि इन दो दिनों में खाटू और इसके आस पास के कस्बों में ना तो कोई धर्मशाला खाली मिलती है और ना ही कोई होटल।

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श्याम जन्मोत्सव के इस दो दिवसीय मेले के समय पूरी खाटू नगरी श्याममय हो जाती है। श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

खाटू श्याम का जन्मदिन क्यों मनाया जाता है?, Khatu Shyam Ka Janmdin Kyon Manaya Jata Hai?


बाबा श्याम का जन्म कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि यानी एकादशी को हुआ था, इसलिए यह दिन सभी श्याम भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। सभी श्याम भक्त इस दिन खाटू श्याम जी का जन्म दिन मनाते हैं।

क्या श्याम बाबा के पाटोत्सव को ही जन्मोत्सव कहते हैं? - Kya Shyam Baba Ke Patotsav Ko Hi Janmotsav Kahte Hain?


क्या आप जानते हैं कि कार्तिक के महीने की देवउठनी एकादशी को श्याम बाबा का जन्मोत्सव नहीं बल्कि पाटोत्सव होता है। श्याम भक्तों ने बाबा श्याम के पाटोत्सव को जन्मोत्सव का रूप दे दिया जिसे अब हर साल मनाने की परिपाटी चल पड़ी है।

पाटोत्सव का मतलब होता है भगवान की प्रतिमा की प्रतिष्ठा का महोत्सव, इस दिन मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी जिसमें भगवान स्वयं मूर्ति के अंदर प्रतिष्ठित हुए थे।


भगवान की मंदिर में प्रतिष्ठा होने के कारण इस दिन को बड़ा शुभ मानकर इसे हर साल वर्षगांठ की तरह त्योहार के रूप में मनाया जाता है। खाटू श्याम जी में इस दिन को श्याम बाबा के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं।

खाटू श्याम जन्म दिवस कब है?, Khatu Shyam Janm Divas Kab Hai?


हिन्दू कैलंडर के अनुसार हारे के सहारे, भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार, लखदातार, शीश के दानी बाबा श्याम का जन्मोत्सव हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है।

श्याम बाबा का जन्मदिन कब है 2024, Shyam Baba Ka Janmdin Kab Hai 2024


श्याम बाबा का जन्मदिन प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की देव उठनी एकादशी को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।

अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार लगभग हर वर्ष तारीख बदलती रहती है। इस वर्ष 2024 में बाबा श्याम का जन्मदिन 12 नवम्बर, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

खाटू श्याम का जन्मदिन कैसे मनाया जाता है?, Khatu Shyam Ka Janmdin Kaise Manaya Jata Hai?


बाबा श्याम के जन्मदिन को श्याम जन्मोत्सव, श्याम महोत्सव, कार्तिक महोत्सव और बाबा श्याम के जन्मोत्सव के नाम से जाना जाता है।

इस दिन मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद बाबा श्याम को इत्र से नहलाया जाता है।

देश भर से बाबा के भक्त हाथों में रंगीन निशान लेकर बाबा के मंदिर में आते हैं और श्याम बाबा की जय, खाटू नरेश की जय, शीश के दानी की जय आदि के जयकारे लगाते हैं।

ये लोग बाबा के दरबार में मावा केक चढ़ाते हैं और बाबा को हैप्पी बर्थडे कहते हैं और केक भी काटते हैं।

साथ ही होटलों व धर्मशालाओं में श्याम जन्मोत्सव के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और खूब केक भी काटे जाते हैं। इस अवसर पर बाजार की अधिकांश प्रसाद दुकानों पर तरह-तरह के केक मिलते हैं।

खाटू श्याम के जन्मदिन पर क्या करें?, Khatu Shyam Ke Janmdin Par Kya Karen?


खाटू श्याम जी के जन्मदिन पर विधिवत तरीके से बाबा की पूजा अर्चना करें और इन्हें इनका मनपसंद भोग ग्रहण करवाएँ। बाबा के मनपसंद भोग में गाय का कच्चा दूध, खीर चूरमा और मावा के पेड़े प्रमुख है।

खाटू श्याम के जन्मदिन का वीडियो - Khatu Shyam Ke Janmdin Ka Video



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I love to see old historical monuments closely, learn about their history and stay close to nature. Whenever I get a chance, I leave home to meet them. The monuments that I like to see include ancient forts, palaces, stepwells, temples, chhatris, mountains, lakes, rivers etc. I also share with you the monuments that I see through blogs and videos so that you can also benefit a little from my experience.

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